देहरादून (उत्तराखंड)
गुजरात क़े मोरबी पुल हादसे में 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग घायल हैं, इस भयावह घटना के बाद उत्तराखंड में जर्जर पुलों की जानकारी डीजीपी अशोक कुमार द्वारा मांगी गई है, इसके बाद थाना प्रभारी और पुलिस चौकी प्रभारियों को अलर्ट किया गया है, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के मुताबिक कुमाऊं में सभी झूला पुल /अन्य पुलों की हालत की जानकारी सभी जिला अधिकारियों से साझा करने के निर्देश दिए गए हैं, इसके अलावा सभी पुलों की क्षमता, भार क्षमता का आंकलन करने को कहा गया है.. इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि जो पुराने समय से बंद पड़े पुल हैं उन पर किसी तरह की आवाजाही तो नहीं हो रही है, और यदि जर्जर और पुराने पुल ऊपर किसी तरह की आवाजाही हो रही है तो उसको प्रभाव से तुरंत बंद करने को कहा गया है, कुमाऊं कमिश्नर के मुताबिक इस बात का भी आकलन होगा की कितने पुलों की समय सीमा खत्म हो गई है और कितने पुलों पर तय भार सीमा से अधिक भार ले जाया जा रहा है…. सभी जिलाधिकारियों को अपने स्तर पर जर्जर पुलों को देखते हुए उचित कदम उठाने के दिशा निर्देश जारी किए गये है…
कुमाऊं कमिश्नर का सभी डीएम को निर्देश, सभी झूला पुलों व अन्य पुलों की स्थिति का आकलन कर जल्द भेजें रिपोर्ट
नैनीताल जिले में सभी झूला पुल सही स्थिति में हैं जबकि कुमाऊं के अन्य जिलों से अभी रिपोर्ट आना बाकी है, किस जिले में कितने झूला पुल है और उनके क्या हालात हैं, उन सब की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है, आम जनता का मानना है कि स्थानीय लोगों को भी समय-समय पर पुल की सही स्थिति का आकलन करते रहना चाहिए क्योंकि विभाग समय-समय पर पुल की देखरेख तो करता ही है लेकिन समय के साथ इतने पुराने हो जाते हैं कि उनका सही आकलन नहीं हो पाता,
हर वर्ष पुल का आकलन कर तैयार की जाती है रिपोर्ट
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता बताते हैं की संबंधित झूला पुल जिस अधिकारी के डिवीजन में आता है, वह अधिकारी प्रतिवर्ष पुल का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करता है और इस बात का विशेष ध्यान दिया जाता है कि बाढ़ के चलते पुल को कोई खतरा तो नहीं है, या फिर पुल को अंदरूनी तौर पर कोई नुकसान तो नहीं पहुंच रहा है जिससे पुल जर्जर होकर किसी हादसे का शिकार बन सकता है….