हल्द्वानी/रुद्रपुर: उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी अधिनियम को उत्तर प्रदेश की तर्ज पर करने की मांग को लेकर उत्तराखंड राइस मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है, राइस मिलर्स एसोसिएशन का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने के साथ-साथ प्रसंस्करण इकाइयों को मंडी शुल्क और विकास सेस में छूट देने की घोषणा की है जिससे प्रसंस्करण इकाइयां किसानों से सीधी मंडी उपज खरीद सकेंगे जिसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का मंडी शुल्क नहीं देना होगा, वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड की सभी राइस फ्लोर मिल कच्चे माल के लिए उत्तर प्रदेश की मंडियों पर निर्भर है और ज्यादातर इकाइयां उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर स्थापित है, ऐसे हालातों में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मंडी शुल्क नियमों में काफी भिन्नता है जिसकी वजह से उत्तराखंड के उद्योग आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, राइस मिलर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि उत्तराखंड में भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मंडी शुल्क 1% किया जाय, यही नहीं चावल को उत्तराखंड कृषि उत्पाद विकास एवं विनियमन अधिनियम कृषि उत्पाद की सूची से बाहर किया जाए, राइस मिलर्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश की तर्ज पर प्रसंस्करण इकाइयों द्वारा किसानों से सीधे खरीद करने पर मंडी शुल्क एवं विकास सेस की छूट प्रदान की जाए जैसा कि उत्तर प्रदेश में किया गया है……

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