The NewsRay desk: मानव वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ते जा रहा है, जिसकी खास वजह यह है कि जंगल का दायरा कम होता जा रहा है और वन्यजीवों ने आबादी की ओर अपना रुख करना शुरू कर दिया है, तराई पूर्वी वन प्रभाग की डोली रेंज में एक ग्रास लैंड को विकसित किया है जो वन्यजीवों के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होने वाला है, कैसे देखें इस रिपोर्ट में…
तराई पूर्वी वन प्रभाग के डॉली रेंज में वन विभाग ने करीब 60 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रास लैंड को तैयार किया है, इस ग्रेसलैंड की खासियत जानिये:
1: यह ग्रासलैंड करीब 60 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया गया है
2: इस ग्रास लैंड में वन्य जीव जंतुओं के लिए करीब 10 प्रकार की घास लगाई गई है
3: ग्रासलैंड के अंदर 100×100 के क्षेत्रफल में एक वाटर होल भी तैयार किया गया है जिससे वन्यजीव अपनी प्यास बुझा सकते हैं,
4: ग्रास लैंड के अंदर एक वॉच टावर भी लगाया गया है जिससे जंगल के अंदर हो रही गतिविधियों पर नज़र रखी जा सकती है,
रेंज अधिकारियों का मानना है कि चारा पति और पानी की तलाश में अक्सर वन्यजीव आबादी की ओर आने लगते हैं जिससे मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ता है, ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने और वन्य जीवो की सुरक्षा के लिहाज से इस ग्रास लैंड को विकसित किया गया है, वन्य जीवो के प्राकृतिक आवास और स्वभाव को ध्यान में रखते हुए इस ग्रास लैंड को विकसित किया गया है फिलहाल यहां तरह के मूवमेंट की मनाही है, और सुरक्षा की दृष्टि से 50 फीट ऊंचे वॉच टावर से जंगल की कड़ी निगरानी की जाती है, इसके अलावा यहां केंद्र पर भी लगाए गए हैं जिसे वन्यजीवों की निगरानी भी की जा सके: नवीन सिंह पवार, रेंज अधिकारी, डॉली रेंज
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