
उत्तराखंड/अल्मोड़ा
उत्तराखंड में गोलू देवता को न्याय का देवता कहा जाता है, ऐसी मान्यता है की अगर आप गोलू देवता की मंदिर में आकर सच्चे मन से अपनी मनोकामना हेतु अर्जी लगाते हैं तो गोलू देवता उसे जरूर पूरा करते हैं, न्याय के देवता के मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल जिले मे स्थित घोड़ाखाल और अल्मोड़ा जिले क़े चितई में स्थित हैं, ये गोलू देवता क़े वो लोकप्रिय मंदिर हैं जहाँ महज एक अर्जी लगाने से मनोकामना पूर्ण हो जाती है और न्याय मिलता है, गोलू देव वैसे तो पूरे प्रदेश के पूजनीय है लेकिन समूचे कुमाऊं मे गोलू देवता अपने आराध्य के रूप मे पूजे जाते हैं, आस्था और अटूट विश्वास का ऐसा उदाहरण और कोई नहीं हो सकता है की अपने संकट हरने और न्याय मांगने के लिए यहाँ अर्जी लगाने और मनोकामना पूरी होने पर यहाँ घंटी चढ़ाने की परम्परा है, लोगो की इच्छा पूरी होने का प्रमाण यहाँ लगी असख्य घंटियों और अर्जियो से लगाया जा सकता है।
घंटियां चढ़ाने का भी है रिवाज
कुमाऊ में प्रसिद्ध चितई गोलू मन्दिर, घोड़ाखाल मन्दिर में घँटी चढ़ाने लोग दूर दूर से आते हैं, पुरानी मान्यताओं के मुताबिक लोग वैवाहिक जीवन की शुरुआत करने, कार्य से सेवानिवृत्त होने, या अन्य मनोकामना पूर्ण होने के लिए गोलू दरबार में घंटियां चढ़ाते हैं, घोड़ाखाल मंदिर और चितई गोलू मंदिर में लगी असंख्य घंटियां इस बात का सबूत हैं कि गोलू देवता के प्रति लोगों की कितनी आस्था है,
भगवान भैरव का अवतार माने जाते हैं गोलू देवता
गोलू देव को भगवान भैरवनाथ का अवतार माना जाता है जो दूर-दूर तक सफ़ेद घोड़े पर यात्रा कर लोगो के संकट दूर करते और उनकी मदद करते थे, मान्यताओं और परम्परा को मानें तो गोलू देवता क़े दरबार मे गोलू देव आज भी प्रत्यक्ष रूप से अपने भक्तो को दर्शन देते हैं जिसे उत्तराखंडी “जागर” मे देखा जा सकता है जो गोलू देव के दर्शन और आशीर्वाद का माध्यम माना जाता है। सटीक न्याय करने के कारण विश्व विख्यात गोलू देव को उत्तराखंड मे ग्वाल महाराज,गोल्ज्यू,,बाला गोरिया और गौर भैरव (शिव) जैसे नामो से पहचाना जाता है।
देश विदेश से भी गोल्ज्यू मंदिर पहुँच रहे हैं लोग
चम्पावत मे स्थित मन्दिर् को गोल्ज्यू देव महाराज का मूल निवास माना जाता है, मुख्य रूप से आस्था और मान्यता क़े लिहाज़ से नैनीताल जिले के भवाली क्षेत्र मे स्थित घोड़ाखाल,अल्मोड़ा मे चितई देव मंदिर भक्तो का मुख्य केंद्र रहा है,जहाँ देश विदेश से अपने परेशानियों, मनोकामना के चलते लोगो को अर्जियो के माध्यम से प्रार्थना और न्याय की गुहार लगाते देखा जा सकता हैं,
कैसे पहुंचे चितई मंदिर:
अल्मोड़ा शहर से लगभग 08 किलोमीटर दूर स्थित है चितई गोलू देवता का प्रसिद्ध मंदिर, आप यहां बाय कार, बाय एयर, बाय ट्रेन भी आ सकते हैं,
1: BY AIR: अल्मोड़ा शहर से सबसे नजदीक पंतनगर एयरपोर्ट है, यहाँ से अल्मोड़ा चितई मंदिर की दूरी करीब 135 किलोमीटर के आसपास है,
2:By TRAIN: अल्मोड़ा से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है काठगोदाम, बाघ एक्सप्रेस, शताब्दी, रानीखेत एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन होता है, काठगोदाम से 98 किलोमीटर के आसपास है,
3: BY CAR: आपके पास अगर अपनी कार हो या आप टैक्सी बुक कर अल्मोड़ा चितई गोलू मंदिर आना चाहते हैं तो आप देश के किसी भी कोने से सड़क माध्यम क़े द्वारा अल्मोड़ा पहुंच सकते हैं,

