नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल के बूढ़-पंगोट क्षेत्र में नैना देवी हिमालयन बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व में तिरछी पहाड़ियों में सड़क का अवैध रूप से निर्माण किए जाने के मामले में एनजीटी ने आकलन हेतु एक पैनल का गठन किया है, NGT ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पैनल का गठन किया, याचिका में आरोप लगाया गया है की कई होटल मालिकों ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर 2017 में बुध-पंगोट क्षेत्र में अभ्यारण्य के अंदर एक सड़क का निर्माण किया है, आरोप है कि सड़क निर्माण का कार्य 2017 में किया गया था। इसके बाद वन संरक्षण अधिनियम 1980 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए इस सड़क के किनारे वन भूमि को काटकर उक्त सड़क का चौड़ीकरण दिसंबर 2022 तक जारी रखा गया।, याचिका में यह भी कहा गया है की वन संरक्षण अधिनियम और मार्च 2019 में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पेड़ों को काटकर और आरक्षित वन भूमि को ध्वस्त कर सड़क का निर्माण किया गया है,
NGT ने कहा: एनजीटी ने कहा कि मामला पर्यावरण से संबंधित है, लिहाज़ा वन्यजीव वार्डन, उत्तराखंड, उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूईपी और पीसीबी) और जिला मजिस्ट्रेट, नैनीताल की एक संयुक्त समिति का गठन किया जायेगा, जिसमें समन्वय एवं अनुपालन के लिए जिलाधिकारी, नैनीताल नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेंगे, यह समिति स्थल का दौरा करेगी और उस भूमि की प्रकृति का पता लगाएगी जिस पर कथित सड़क का निर्माण किया गया है, सड़क के निर्माण की प्रक्रिया में काटे गए पेड़ों के नाम, अन्य विवरण और सड़क को हुए नुकसान की सीमा का भी पता लगाएगी। समिति सड़क निर्माण के लिए जिम्मेदार होटल मालिकों/व्यक्तियों के पूरे पते के साथ नामों का भी खुलासा करेगी। ।

