नैनीताल/हल्द्वानी:

हल्द्वानी और नैनीताल के बाजार अब कुमाऊनी शैली में नजर आएंगे, करीब 30 करोड़ की लागत से इन दोनों शहरों का कायाकल्प होने जा रहा है, बाहर से आने वाले पर्यटक को उत्तराखंड की लोक संस्कृति और शैली से रूबरू होने का मौका मिलेगा और पर्वतीय जीवन शैली, और लोक संस्कृति का प्रचार-प्रसार भी होगा, डीएम नैनीताल हल्द्वानी और नैनीताल के बाजारों को कुमाऊंनी संस्कृति से जोड़ने के प्रयासों में जुटे हुए हैं, नैनीताल के बाजार को तो काफी हद तक कुमाऊनी शैली में विकसित किया जा चुका है, मल्लीताल की पूरी बाजार में पूरी तरह से कुमाऊंनी संस्कृति की झलक नजर आने लगी है,

ऐसे सवरेगा बाजार:

दरअसल बाजार में अलग-अलग जगहों पर दुकानों के शटर पर अलग अलग कंपनियों क़े विज्ञापन लगे होते है, लेकिन अब नैनीताल में दुकानों की शटर पर कुमाऊंनी संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है, जिसमें हमारी वेशभूषा, पारम्परिक परिधान, पिछोड़ा पहनी महिलायें और लोक संस्कृति वाले चित्र बनाये जा रहे हैं, ठीक इसी तरह हल्द्वानी के बाजारों को भी सजाने के लिए पहल शुरू कर दी गयी है, शहर के सौंदर्यीकरण को लेकर डीएम नैनीताल ने इसका खाका तैयार किया है, हल्द्वानी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान से लेकर पटेल चौक समेत शहर के पुराने बाजार के कई हिस्सों को पूरी तरह से बदला जाएगा, पहले चरण में बेस अस्पताल लाइन, पटेल चौक मार्केट और रामलीला मैदान को संवारने का काम किया जाएगा, जिससे जिला प्रशासन की ओर से बाजार का सौंदर्यीकरण करने के बाद भी सुंदर स्वरूप लोगों को दिखता रहे, इसके लिए व्यापारियों से भी ठेला न लगवाने और सामान को सड़क तक न फैलाने की अपील की जाएगी, हल्द्वानी के रामलीला मैदान और बाजार में सौंदर्यीकरण का काम जल्द शुरू हो जाएगा…..

पर्यटक भी रूबरू हो सकेंगे कुमाउनी संस्कृति से:

डीएम नैनीताल धीराज सिंह गर्ब्याल की पहल पर नैनीताल और हल्द्वानी के बाजार के स्वरूप को बदलने की कवायद चल रही है, हल्द्वानी शहर का बदलता स्वरूप कैसा होगा इसका डिजाइन भी तैयार कर लिया गया है, इससे नैनीताल आने वाले देशी विदेशी पर्यटक कुमाऊंनी संस्कृति को जान सकेंगे,

नैनीताल बाजार में दिख रही कुमाऊंनी संस्कृति और शैली की झलक

By

error: