उत्तराखंड : हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 जिलों में राज्य के बाहर के लोग हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद सकेंगे, भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए पहाड़ी इलाकों में चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी, अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे सकेंगे। सभी भूमि खरीद की प्रक्रिया सरकार द्वारा बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगी। प्रदेश में भूमि खरीद की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया जाएगा जहां बाहरी व्यक्तियों द्वारा की गई जमीन खरीद को दर्ज किया जाएगा, बाहरी लोगों को भूमि खरीदने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, जिससे फर्जीवाड़े और अनियमितताओं पर रोक लग सकेगी। सभी जिलाधिकारियों को भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट नियमित रूप से राजस्व परिषद और शासन को सौंपनी होगी।

CM ने कहा: “राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार !”

प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हम कभी भी उनके विश्वास को टूटने नहीं देंगे। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि हम अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। निश्चित तौर पर यह कानून प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।

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