अल्मोड़ा(उत्तराखंड):

यदि आप कभी घूमने नैनीताल या अल्मोड़ा आये हैं और आपने काकड़ीघाट में पहाड़ी पिसी नूण यानी (पहाड़ के पिसे नमक) का स्वाद नही लिया तो आपकी यात्रा अधूरी रह गयी, पहाड़ में अपने हुनर का अच्छा उपयोग करके यहां की स्थानीय महिलाये स्थानीय उत्पादों से नमक बनाकर देश ही नहीं विदेशों में भी पिसी नून का अच्छी पहचान मिल रही है क्योंकी यह औषधीय गुणों से भरपूर भी है,

सिलबट्टे से तैयार किया जाता हैं 52 प्रकार का स्वादिष्ट नमक:

आमतौर पर आपने बाजार से दो या तीन तरह के नमक का स्वाद लिया होगा लेकिन आपको यह जानकर बेहद हैरानी होगी की नैनीताल अल्मोड़ा मेन हाईवे पर स्थानीय लोग पहाड़ के उत्पादों को सिलबट्टे में पीसकर करीब 52 प्रकार का नमक बना रहे हैं, स्वाद ऐसा की एक बार आपने चख लिया तो इसके मुरीद हो जाएंगे, पिसी नूण बनाने के लिए काली मिर्च, लाल मिर्च, जीरा, अदरक, लहसुन, हींग, जीरा, तिल, भंगीरा, हरा धनिया, भूनी मिर्च, काला जीरा, अलसी, सरसों, मिक्स मसाले का बारी-बारी से नमक पिसकर रोजाना 5 से 10 किलो नमक सिलबट्टे पर तैयार कर उसके छोटे-छोटे पैकेटों में भरकर इसकी पैकिंग की जाती है। काकड़ीघाट गांव को भी अब पिसी नून यानी जायकेदार नमक को हिमालयन फ्लेवर की पहचान मिल चुकी है, पहाड़ी पिसी नूण के जरिये करीब 18 स्थानीय महिलाएं अपनी आर्थिकी भी मजबूत कर रही हैं जबकि 45 स्थानीय महिलायें इस कारोबार से जुडी हुई हैं,

पिसी नूण क़े कायल हैं पर्यटक:

पहाड़ के पिसी नून(जायकेदार नमक) को खरीदने के लिए स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटकों की भी भीड़ रहती है। गर्मी और सर्दियों में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी सड़क किनारे रुककर पिसी नूण ले जाते हैं। भारत के अबेक शहरों में भेजने के साथ अब इसकी मांग विदेशों में बढ़ने लगी है। सैलानी एक साथ आधा या एक किलो पिसा हुआ नमक ले जाते हैं, कई सैलानी तो ऐसे हैं जो कई बार केवल नमक खरीदने के लिए यहां तक घूमने आये,

अब फतेहपुर क़े पास बसानी गाँव में भी तैयार किया जा रहा नमक:

हिम्फला संस्था के डायरेक्टर संदीप पांडे बताते हैं की वर्तमान में काकडी घाट और बसानी में नमक में नमक तैयार किया जा रहा हैं, इसके अलावा पहाड़ी पिसी नूण को भी स्थानीय महिलाये देश ही नही विदेशों में एक नई पहचान दे चुकी हैं जो काकड़ीघाट जैसे गांव के लिए बेहद गर्व की बात है,

कैसे पहुंचे काकडी घाट:

काकड़ीघाट उत्तराखंड के नैनीताल जिले और अल्मोड़ा जिले के बॉर्डर पर स्थित है। भवाली-भीमताल-अल्मोड़ा हाईवे पर हल्द्वानी से लगभग 70 किलोमीटर दूर है काकड़ीघाट,

सिलबट्टे से तैयार होता नमक…

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