हल्द्वानी: जमरानी बांध परियोजना को स्वीकृति मिलने के बाद हलचल तेज हो गई है, अब परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए अधिकारियों ने भाग दौड़ शुरू कर दी है, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत ने जमरानी बांध परियोजना की बैठक लेेते हुये कहा कि लम्बे समय से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के स्तर से मानिटरिंग हो रही थी इस प्रोजेक्ट की अन्तिम पुनर्वास नीति कमिश्नर लेवल पर फाइनल होने के पश्चात जमरानी बांध ड्रीम प्रोजेक्ट की स्वीकृति से जनपद नैनीताल एवं उधमसिंह नगर में सिंचाई की समस्या के साथ ही हल्द्वानी शहर में पेयजल व्यवस्था दुरूस्त होगी,


ये है प्लान : इसके अलावा जमरानी बांध परियोजना से 6 गांवों के 1261 परिवार प्रभावित हुये, प्रभावित परिवारों को 300.5 एकड भूमि प्रयाग फार्म उधमसिंह नगर में प्रस्तावित है, प्रभावित परिवारों को भूखण्ड आवंटित करने की प्रक्रिया गतिमान है, जमरानी बांध परियोजना की प्रस्तावित लागत वर्ष 2018 में 2548.1 करोड़ थी जो वर्तमान में इस योजना की लागत बढकर लगभग 3756.00 करोड की हो चुकी है शेष लगभग 12 करोड धनराशि हेतु शासन को पत्र प्रेषित किया चुका है। उन्होंने कहा जमरानी बांध परियोजना से जनपद नैनीताल के 196 गांव एवं उधमसिंह नगर के 172 गांवों में किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध मिलेगा। उन्होंने परियोजना से 63.4 मिलियम यूनिट विद्युत का उत्पादन होगा। बांध की ऊंचाई नदी की सतह से 130.60 मीटर होगी साथ ही बांध में जलधारण की क्षमता 208.6 मिलियन घन मीटर है। उन्हांेने कहा कि यह प्रोजेक्ट 2028 तक पूर्ण कर लिया जायेगा, आयुक्त ने कहा कि महाप्रबन्धक जमरानी प्रोजेक्ट पर अन्य कार्यवाही शीध्र करें ताकि टेंडर प्रक्रिया जल्द प्रारम्भ की जा सके।

जामरानी बांध परियोजना एक नज़र में- 1975 में बांध निर्माण की स्वीकृति, करीब 9 किलोमीटर की लंबाई में 130 मीटर ऊँचा और 480 मीटर चौड़ा बांध, 48 साल पहले बांध की लागत 61 करोड़ वर्तमान में बांध परियोजना की लागत 2584 करोड़ के आसपास, यानी 48 सालो में परियोजना की लागत 39 गुना बढ़ गयी…….

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