अल्मोड़ा: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कहा है कि विधानसभा कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर सरकार दोहरा चरित्र ना अपनाये, गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा की विधानसभा में कार्यरत चुनिंदा कर्मचारियों को जिनकी नियुक्ति 2016 के बाद हुई थी उनको विधानसभा से निकाला जाना जहां सरकार की अपने चहेतों को बचाने की स्पष्ट साजिश है, वही दूसरी ओर ये भारतीय संविधान में निहित समानता के अधिकार अनुच्छेद 16 का भी स्पष्ट उल्लंघन है क्योंकि समानता का अधिकार अनुच्छेद 16 स्पष्ट करता है कि राज्य के अधीन किसी भी कार्यालय में रोजगार या नियुक्ति से सम्बन्धित मामलों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समानता होगी, ऐसे में 2001 से 2016 तक की नियुक्तियों को वैध और 2016 से आगे की नियुक्तियों को अवैध ठहराकर सरकार ने समानता के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उडा़ दी हैं।
नियुक्ति देने वाले के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं: कुंजवाल
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि विधानसभा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है तो उनको नियुक्ति देने वाले पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई? कुंजवाल ने कहा की कर्मचारियों को नियुक्ति देने वाले स्पीकरों पर कार्यवाही होनी चाहिए, उन्होंने कहा कि मेरे और अन्य स्पीकर के खिलाफ जांच होनी चाहिए, यदि वे भी आरोपी घोषित होते हैं तो वे दण्ड भुगतने के लिए तैयार हैं।