Almora: तस्वीरें आदि ग्राम फुलोरिया मासी की हैं, यहां की महिलाएं पानी के स्रोतों को पुनर्जीवित करने के काम में जुटी हुई हैं, अहम भूमिका महिला मंगल दल और नवयुवक मंगल दल ने निभाई है, गर्मियों की छुट्टियों में यहां के ग्रामीणों ने प्राकृतिक जल स्रोतों के आसपास की झाड़ियां साफ़कर /काटकर कर रास्ता साफ किया और नौलों की सफाई भी की, यहां के ग्रामीणों ने यह जिम्मा इसलिए उठाया है कि पानी के स्रोत लंबे समय तक जीवित रह सकें, गांव में रहने वाले लोगों को साफ और स्वच्छ पानी मिल सके, ग्रामीणों का कहना है कि जब कभी गांव में पेयजल संकट गहरा जाता है तो उस समय गांव में पानी की आपूर्ति नौले के जरिए होती है, दरअसल लंबे समय से नौले के आसपास झाड़ियां घनी हो गई थी जिस वजह से नाले के पास जाने वाला रास्ता भी साफ नहीं था, हकीकत तो यह है कि प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाने के दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं, उत्तराखंड के जल स्रोत यहां की संस्कृति और परंपरा का हिस्सा भी रहे हैं, और आदि ग्राम फुलोरिया के ग्रामीणों के द्वारा इस दिशा में की जा रही पहल काबिल ए तारीफ है,