उत्तराखंड: उत्तराखंड शासन ने एक बड़ी कार्यवाही की है, उधम सिंह नगर के जसपुर क्षेत्र की बाल विकास परियोजना अधिकारी लक्ष्मी टम्टा को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं, आरोप है कि लक्ष्मी टम्टा ने अनुसूचित जाति के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर 1988 में नौकरी पाई थी, विभिन्न स्तरों पर हुई जांच के आधार पर इसकी पुष्टि हुई है, शादी से पूर्व लक्ष्मी टम्टा ब्राह्मण परिवार से थी और उनका नाम लक्ष्मी पंत था लेकिन पति की जाति के आधार पर उन्होंने दूसरा प्रमाण पत्र बनाया, लक्ष्मी से रिकवरी और अपराधिक धाराओं में मुकदमा भी दर्ज हो सकता है, निदेशक हरिचंद सेमवाल ने आदेश जारी कर दिया है, मामला हाई कोर्ट में जाने के बाद यह फैसला लिया गया हैं,
आरोप संख्या – “जब आप विवाह से पूर्व कुमारी लक्ष्मी पंत सामान्य जाति (उपजाति ब्राह्ममण) के नाम से जानी जाती थी, आपके / हाईस्कूल एवं इण्टरमीडियट के शैक्षिक प्रमाण-पत्रों में कुमारी लक्ष्मी पंत अंकित है। वर्ष 1982 में आपकी शादी श्री मुकेश लाल टम्टा धारमी मुहल्ला थाना बाजार, जिला अल्मोड़ा से होने पर स्नातक कक्षाओं में श्रीमती लक्ष्मी टम्टा लिखा गया। आप द्वारा अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से झूठे एवं फर्जी दावे कर सक्षम स्तर से धोखधडी में अनुसूचित जाति ( शिल्पकार ) का प्रमाण पत्र प्राप्त कर इस विभाग में आरक्षण के कोटे से मुख्य सेविका के पद पर 1988 में नियुक्ति पाने एवं वर्ष 2003 में मुख्य सेविका से बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर पदोन्नति में आरक्षण का अनुचित लाभ प्राप्त कर वर्षों से शासकीय सेवा करती आ रहीं है, अतः आपने विधि के नियमों के विपरीत कार्य किया है”।