देहरादून (उत्तराखंड)

उत्तराखंड राज्य का गठन हुए 22 वर्ष बीत चुके हैं, अलग राज्य गठन का उद्देश्य था की पहाड़ी क्षेत्रों का विकास होगा, पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी, शिक्षा,स्वास्थ्य की स्थिति सुधरेगी, पिछले 22 सालों में पूर्व मुख्यमंत्री स्व एन डी तिवारी के अलावा किसी भी मुख्यमंत्री ने 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया… इसीलिए उत्तराखंड सियासी तौर पर एक अस्थिर राज्य माना जाता है। इसकी वजह भी है की राज्य गठन के बाद प्रदेश को महज 22 साल के भीतर 11 मुख्यमंत्री मिल चुके हैं। प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से पहले 10 मुख्यमंत्री बने हैं..लेकिन बीते साल जब 45 साल के युवा पुष्कर सिंह धामी के हाथों में बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश की कमान दी तो उन्होंने अपने नेतृत्व क्षमता से सभी को चकित कर दिया। ये सभी जानते हैं कि जिस वक्त पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश का नेतृत्व सौंपा गया था उस वक्त उत्तराखंड में बीजेपी की हालत बहुत खराब थी, लेकिन अपने 6 महीने के कार्यकाल में पुष्कर सिंह धामी ने न केवल प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को साधा बल्कि प्रदेश की जनता के मन को भी जीत लिया। और जब चुनाव हुए तो उन्होंने मोदी जी के करिश्माई नेतृत्व के साथ तालमेल बिठाया, जिससे प्रदेश में उन्हें दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल हुआ। हालांकि प्रदेश में भागदौड़ करने का उन्हें निजी तौर पर नुकसान हुआ और वो खटीमा से चुनाव हार गये। लेकिन वो प्रदेश की जनता का मन जीत चुके थे, प्रदेश में एक बार फिर लगने लगा था कि प्रदेश को शायद एक और मुख्यमंत्री मिलेगा, तब प्रदेश के लोगों की सांसे अटक गई थी। बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश की जनता के चहेते पुष्कर सिंह धामी को फिर से प्रदेश की बागडोर थमा दी जो पुष्कर सिंह धामी के विरोधियों के मुंह पर बड़ा तमाचा था।

धाकड धामी ने खुलकर की बैटिंग

पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश की जनता और बीजेपी के आलाकमान से आशीर्वाद मिल चुका था। लिहाजा उन्होंने खुलकर खेलना शुरु किया। उन्होंने प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को साफ संदेश दिया कि अब प्रदेश में काम करने का वक्त है और जो काम नहीं करेगा वो नहीं टिक पायेगा। संदेश साफ था तो लिहाजा प्रदेश में विकास कार्यों में तेजी आई।

चारधाम यात्रा शुरू करवाना थी बड़ी चुनौती

पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में आम चुनाव के बाद अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 23 मार्च 2022 को शपथ ली थी उस वक्त चुनौतियां भी काफी थी, सबसे बड़ी चुनौती कोविड क़े बाद चारधाम यात्रा सफलतापूर्वक शुरू करवाने की थी, कोविड के बाद चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों में उत्साह दिखाई दे रहा था। सीएम धामी ने यात्रा को सफल बनाने के लिए खुद मोर्चा संभाला, तीर्थ यात्रियों को परेशानी नहीं हो उसके लिए जरुरी प्रबंध किये गये, डॉक्टरों की टीम तैनात की गई,साफ पानी का प्रबंध किया गया। होटल-सरायों में तीर्थयात्रियों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए अभियान की तरह कार्य किया गया जिसका नतीजा भी अच्छा निकला, परिणाम यह हैं की इस साल अब तक करीब 46 लाख तीर्थयात्री चारधाम की यात्रा कर चुके हैं। वहीं चारधाम यात्रा से बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी मिला है, जो आंकड़ा सामने आ रहा है उसके मुताबिक केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में अब तक घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी और हेली सेवा ने करीब 211 करोड़ का कारोबार किया। अनुमान है कि यात्रा से अब तक गढ़वाल मंडल विकास निगम ने भी करीब 50 करोड़ रुपए कमाये हैं। वहीं केदारनाथ यात्रा से स्थानीय कारोबारियों ने भी अच्छा मुनाफा कमाया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी बाबा केदारनाथ में बड़ी आस्था है। इस बार जब 21 अक्टूबर को पीएम मोदी केदारनाथ आये तो उन्होंने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि वे 5 फीसदी खर्च स्थानीय उत्पादों पर करें। पीएम ने इस बार गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंद घाट- हेमकुंड रोपवे का भी शिलान्यास किया, ये कार्य तभी संभव हो पा रहे हैं। जब प्रदेश में पुष्कर सिंह धामी कुशल नेतृत्व दे पाने में सक्षम हो रहे हैं।

पर्यटन कारोबार में आया उछाल

ये उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व क्षमता का ही नतीजा है कि इस बार उन्होंने पर्यटकों को लुभाने के लिए जो कारगर कदम उठाये वो सफल साबित हुए, दरअसल प्रदेश में मुख्यमंत्री ने होम स्टे योजना को बढ़ावा देने के लिए रणनीति बनाई। जिससे प्रदेश में महज 6 माह के भीतर ही लाखों की तादाद में सैलानी पहुंच चुके हैं। अकेल नैनीताल जिले में बीते साल जहां 3 लाख 26 हजार सैलानी आये,वहीं इस साल अब तक 3 लाख 96 हजार सैलानी पहुंच चुके हैं। प्रदेश में पर्यटकों को बेहतर सुविधायें मिलने से कॉर्बेट पार्क भी गुलजार रहा। कॉर्बेट पार्क से मिले आंकड़े के मुताबिक वहां बीते 6 माह यानि अप्रैल के बाद से अबतक करीब 1 लाख 60 हजार सैलानी पहुंच चुके हैं । जिसमें 439 विदेशी सैलानी भी शामिल हैं। राजाजी पार्क में इस साल अब तक करीब 50 हजार सैलानी पहुंच चुके हैं। असल में पुष्कर सिंह धामी ने जब से राज्य की कमान संभाली है। तब से वे लगातार सड़कों के रख रखाव पर जोर दे रहे हैं। जिससे प्रदेश की सड़कें बेहतर हो चुकी हैं। इससे पर्यटन कारोबार को भी मदद मिल रही है। सड़कें अच्छी होने से सैलानी उत्तराखंड में बार-बार आ रहा है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि प्रदेश में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। जो अब धीरे-धीरे सभी की नजर में आने लगे हैं। वहीं प्रदेश को एक पुष्कर धामी के रूप में नया विकास पुरुष भी मिल गया है।

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