चमोली/श्री बद्रीनाथ धाम:

श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट आज शनिवार शाम 3 बजकर 35 मिनट पर विधि-विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये हैं,इस अवसर पर करीब पांच हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने, कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था और कई स्थानों पर तीर्थयात्रियों को भंडारे आयोजित किये गये…

यह रही कपाट बंद होने की प्रक्रिया:

आज़ शाम को श्री कुबेर जी बदरीनाथ धाम के निकट बामणी गांव रात्रि प्रवास हेतु प्रस्थान हो गये, कल श्री कुबेर जी बामणी गांव से पांडुकेश्वर हेतु प्रस्थान करेंगे, इससे पूर्व 15 नवंबर से भगवान बदरीविशाल की पंच पूजायें शुरू हो गयी थी, पंचपूजाओं के अंतर्गत पहले दिन 15 नवंबर को श्री गणेश जी के कपाट बंद हो गये थे, 16 नवंबर को आदि केदारेश्वर जी के कपाट बंद हुए, 17 को खडग पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हुआ, 18 को लक्ष्मी माता का पूजन एवं कढाई भोग लगाया गया, 19 नवंबर को भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये।

सीएम धामी ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी:

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा की इस बार चारधाम यात्रा सफलता रही, साढ़े 46 लाख से अधिक श्रद्धालु चार धाम यात्रा में पहुंचे है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में जन सहयोग से श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है जिससे आनेवाले यात्राकाल में तीर्थयात्रियों एवं आम जनमानस को पर्याप्त सुविधाएं मिलेंगी..

कल यहाँ क़े लिये प्रस्थान करेगी डोली और गद्दी:

कल 20 नवंबर को प्रात: 9 बजे श्री उद्धव जी तथा श्री कुबेर जी की डोली तथा रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी योग बदरी पांडुकेश्वर हेतु प्रस्थान हो जायेगी, श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी योग बद्रीनाथ शीतकाल में पांडुकेश्वर में विराजमान रहेंगे जबकि 21 नवंबर सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजमान हो जायेगी, इसी के साथ योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह बदरी में शीतकालीन पूजायें शुरू हो जायेंगी। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही सभी निकटवर्ती मन्दिरों माता मूर्ति मंदिर माणा, भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी शीतकाल हेतु आज 19 नवंबर को बंद हो गये है। कुछ दिनों पूर्व श्री घंटाकर्ण जी मंदिर माणा के कपाट भी शीतकाल हेतु बंद हो गये है। इस बार करीब 1760649 तीर्थयात्री भगवान बद्रीविशाल के दर्शन को पहुंचे।

By

error: